दुःखी आम
जगन्नाथ माहात्म्य कथा में एक मार्मिक प्रसंग है। भक्त भगवान के पास जा रहा था । मार्ग में जो मिलता था, भगवान के लिए अपना भी संदेश दे देता था ।
एक आम का वृक्ष मिला । उसके फलों में कीड़े लग जाते थे । कोई उपयोग नहीं कर पाता था।
आम दुःख सुनकर भगवान ने कहा- “यह पूर्व जन्म में स्वार्थी था । अपनी कोई वस्तु किसी के काम में नहीं आने देता था । वही स्वार्थ कीड़ा बनकर इसके साथ लगा है । न उसके फल किसी के लिए उपयोगी बन पाते हैं और न कोई उसके पास जाता है । अपने स्वार्थवश यह एकाकी जीवन जी रहा है ।”