सफल और लोकप्रिय शासक

एक दिन श्वेता सिंहनी अपने बेटे के साथ दंडकारण्य वन में घूमने निकली। उसका बेटा महाराज पीताभ अभी कुछ दिनों पहले ही जंगल का राजा चुना गया था। सभी जानवरों ने मिलकर सर्वसम्मति से उसका चुनाव किया था । वन में सहसा ही श्वेता के कानों में एक करुणा भरी पुकार पड़ी। उसने चौंककर इधर-उधर…

संकल्प

अभय अपने भाई-बहिनों में सबसे बड़ा था। उसके माता-पिता उसे बड़ा स्नेह करते थे। उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा योग्य बने, गुणवान बने- उसे निरंतर अच्छी बातें सिखाते रहते। अभय भी माता-पिता का कहना मानता, उनको प्रसन्न रखने के लिए अच्छे-अच्छे काम करता, अच्छे गुणों को अपनाता, पर अभय के बहुत सारे अच्छे गुण…

भाइयों का स्नेह

अभयारण्य में अनेक जीव-जंतु रहा करते थे। मुनमुन और चुनचुन खरगोश भी उन्हीं में से थे। वे दोनों सगे भाई थे। दोनों ही एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे, पर एक बार कुछ जानवरों ने दोनों को भड़का दिया। वे दोनों आपस में लड़ पड़े और अलग-अलग रहने लगे। उनकी लड़ाई देखकर कुछ दुष्ट…

स्वर्ग का सुख

अभयारण्य में चंपा नाम की एक बंदरिया रहा करती थी। उसे बच्चों से बड़ा प्यार था, पर दुःख की बात थी उसके अपना कोई बच्चा न था इस बात से रात-दिन खिन्न रहा करती थी। तब उसके पति ने उसे समझाया ‘देखो चंपा, यों मन ही मन घुलने से कोई फायदा नहीं, उल्टे तुम्हारा स्वास्थ्य…

यात्रा

गंगोत्री भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। हिमालय पर्वत से उतरकर गंगा की धारा जहाँ समतल मैदान में आती है वह स्थान ही गंगोत्री है। प्रकृति की सुदंरता को देखने का यह बड़ा ही सुदंर स्थान है। मनीष और प्रशांत ने भी इसी बार गर्मियों में गंगोत्री जाने का विचार किया। वे दोनों घनिष्ठ…

चींटी और मधुमक्खी

गर्मियों के दिन थे। सूरज भगवान गुस्सा होकर मानो आग की वर्षा-सी कर रहे थे। जीव-जंतु सभी इस भीषण गर्मी से परेशान थे। परेशान मन्नू चींटी भी थी पर वह सुबह से लगातार काम कर रही थी। इस भयंकर गर्मी के बाद निश्चित रूप से वर्षा होने वाली थी। मन्नू के बिल का सारा राशन…

समाज के शत्रु

दंडकारण्य में जब सिंहों का राजा मर गया तो उन्होंने नए राजा का चुनाव किया। दिवाकर को सभी सिंहों ने अपना राजा चुना । नए पद पर आकर दिवाकर ने सोचा कि अब मुझे इनके विश्वास की रक्षा करनी चाहिए, मुझे अपना अधिक से अधिक समय प्रजा की भलाई में ही व्यतीत करना चाहिए। दिवाकर…

बीमारियों की जड़

एक बार भास्कर नाम का एक सिंह और उसकी पत्नी रानी घूमते-घूमते अपनी गुफा से बहुत दूर निकल गए। बातों ही बातों में उन्हें रास्ते का कुछ पता ही न रहा और वे नदी के पार बसे हुए दंडकारण्य वन में जा पहुँचे। रानी को यह वन बहुत अधिक पसंद आया। चारों ओर पहाड़ियाँ उनकी…

व्यक्तित्व की परख

एक बार हाथियों का एक झुंड हिमालय की उपत्यकाओं में घूम रहा था तभी सहसा जोरों का तूफान आया। सभी तेजी से भागने लगे। जिसे जिधर से रास्ता सूझा, वह उधर भागने लगा। जरा सी देर में झुंड तितर-बितर हो गया। भटकता हुआ हाथी सुरक्षित स्थान खोजते खोजते एक छोटी-सी गुफा के पास पहुँचा। उसमें…

मोटा गुल्लू

चन्दो चुहिया का एक ही बच्चा था। वह उसे प्यार से गुल्लू कहकर पुकारती थी। इकलौता होने के कारण चंदो उसको कुछ ज्यादा प्यार करती थी। यह भी कहना अनुचित न होगा कि उसने प्यार-प्यार में गुल्लू को बिगाड़ दिया था। वह गुल्लू को किसी काम से हाथ न लगाने देती। सारे काम खुद ही…

कूबड़ी बुआ

नैमिषारण्य में रानी नाम की एक साही रहा करती थी। वह आयु में छोटी होते हुए भी बड़ी बुद्धिमान थी। उसकी बुद्धिमत्ता से अनेक बार साहियों के परिवार की रक्षा हुई थी अतएव सभी उसका बड़ा सम्मान करते थे। कुछ ही ऐसे व्यक्ति होते हैं जो सम्मान और ऊँचा पद पाकर भी अभिमान नहीं करते।…

होनहार बालक

सौरभ और विक्रम दोनों के घर आसपास थे। वे एक ही स्कूल में एक ही कक्षा में पढ़ते थे। वे साथ-साथ स्कूल जाते थे और साथ ही साथ अपने-अपने घर लौटते थे। उनके पिताजी भी एक आफिस में काम करते थे। सौरभ और विक्रम दोनों को ही प्रतिदिन जेब खर्च के लिए पैसे मिलते थे।…

जातीय गौरव

एक सुंदर झील के किनारे तोतों के कुछ परिवार उड़ते हुए आए। वे सभी देशाटन पर निकले थे। झील का रमणीक स्थान उन्हें बहुत अच्छा लगा। चारों ओर पहाड़ियाँ, फलों से लदे हरे-हरे वृक्ष थे और स्वच्छ जल था। रहने की सारी सुविधाएँ वहाँ थीं। तोते उड़ते-उड़ते बहुत थक भी चुके थे। अतएव उन्होंने विचार…

शक्ति की पहिचान

एक बार अभयारण्य में बहुत जोरों का तूफान आया। संयोग की बात थी कि उसी दिन सारे पक्षियों ने मिलकर घूमने का कार्य-क्रम बनाया था। वे सब सुबह-सुबह वहाँ से उड़ गए थे। शाम को जब वे वापिस लौटे तो वहाँ का दृश्य देखकर उनका जी धक से रह गया। सारे के सारे पेड़ धरती…

सोनी की धूर्तता

अमरकंटक वन में पीपल का एक बड़ा पुराना पेड़ था। उस पर कनु नाम का एक बंदर रहा करता था। कनु बड़े ही अच्छे स्वभाव का था। सबसे मीठी वाणी बोलता था। किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करता था। दूसरों की सहायता किया करता था, इसलिए उस पेड़ पर रहने वाले सभी प्राणी कनु को बहुत…

मित्र का कर्त्तव्य

राधू खरगोश को अन्य खरगोशों के साथ अमिताभ की माँ ने पालतू बना लिया था। राधू और अन्य तीन खरगोश पिंजरे में रहते- रहते तंग आ गए। सभी को जंगल से पकड़कर लाया गया था । वे यही सोचते रहते कि किस प्रकार वापस जंगल को लौटें ? एक बार राधू को मौका मिला और…

नदी पार की दावत

रावी नदी के किनारे घना जंगल था । उसमें बहुत से जानवर रहा करते थे। एक बार भास्कर नाम के एक हाथी और कांत नाम के एक बंदर में गहरी दोस्ती हो गई। दोनों साथ-साथ रहते थे, साथ-साथ घूमा करते थे। एकदूसरे की सहायता करते थे। जंगल के सभी जानवर भास्कर से कहते कि कांत…

संगठन की शक्ति

पीपल के एक पेड़ की जड़ में बहुत सारी चींटियाँ घर बनाकर रहती थीं। सभी बड़े सहयोग से काम करती थीं। सदैव मिल- जुलकर काम करती थीं। यही कारण था कि उन्हें किसी बात की परेशानी नहीं थी। सुबह होते ही सारी चींटियाँ तेजी से अपने काम में जुट जाती थीं। कुछ तो दिन में…

सही रास्ता

जाड़े शुरू होने वाले थे, इसलिए सारी की सारी चींटियाँ भोजन जमा करने में जुटी हुईं थीं। शाली और रेनु चींटी भी खाने की तलाश में सुबह ही निकल जाती थीं। दोनों को चिंता थी कि सरदियों से पहले ही सामान इकट्ठा कर लें, जिससे बच्चों को परेशानी न हो। जाड़ों में दुःख न उठाना…

सोच-विचार कर काम करें

गेहूँ के खेत की मेड़ पर अमरूद का एक पेड़ था। उसी पेड़ पर चंपा गिलहरी रहा करती थी। अमरूद और गेहूँ के दाने खाते- खाते, एक जगह रहते-रहते चंपा ऊब गई। उसने सोचा कि कुछ दिनों के लिए अपनी सहेली के पास चलना चाहिए। चंपा की सहेली नीरा नाम की गिलहरी थी। वह शहर…