नन्दू की नौकरी

नन्दू के पिता बचपन में ही मर गये थे । छोटे-छोटे भाई-बहिन थे । नन्दू की माँ सारे दिन जी तोड़कर | मेहनत करतीं तब कहीं जाकर उन्हें रूखी-सूखी रोटी मिल पाती । नन्दू तेरह ही साल का था । उसकी माँ एक दिन कहने लगी- ‘बेटा ! अब तुम बड़े हो गये हो ।…

घास की चोरी और जमाखोरी

ऐक बहोत बडा अभयारण्य था । अभयारण्य में खरगोशों की एक बस्ती थी । वहाँ अनेकों खरगोश अपने परिवारों के साथ रहा करते थे । उनका मुखिया भी बड़ा दयालु, परोपकारी और सबकी सहायता करने वाला था । सभी सुख-शान्ति से रहा करते थे । खरगोशों का मुखिया पुनीत सभी खरगोशों को अनेक अच्छी बातें…