फोर्ड जिनने अपनी कमाई परमार्थ में लगाई
छोटे से घर में जन्म लेकर संपन्नता की पराकाष्ठा तक पहुँचने पर भी महापुरुष कभी बदलते कमाई नहीं । हेनरी फोर्ड अमेरिका के एक छोटे से ग्राम ग्रीन फील्ड में जन्मे । घर की आर्थिक स्थिति खराब होने से उन्हें बारह वर्ष की आयु से ही नौकरी, रात में पढ़ाई और मस्तिष्क में मशीनों का बनाना, सुधारना, इस प्रकार उनकी पूरी दिनचर्या उद्देश्यपूर्ण कार्यों में लग गई, जबकि दूसरे गरीब लड़के आवारागर्दी में लगे रहते ।
लगन की प्रचंड शक्ति ने हेनरी को स्वावलंबी, इंजीनियर एवं मैकेनिक बना दिया। उसने कई तरह की मशीनों को बनाया और सुधारा । लगन उसे इस दिशा में निष्णात बनाती रही । फोर्ड ने मोटर बनाने का नया कार्य हाथ में लिया और वह बिगड़ते-सुधरते सफलता के स्तर तक पहुँच गया । उसने जलयान भी बनाये ।
अमेरिका में हेनरी फोर्ड का कारखाना प्रथम श्रेणी का है । उसमें ५० हजार व्यक्ति काम करते हैं और हर मिनट में एक मोटर तैयार होती है । श्रमिकों की सुविधा का उसने पूरा ध्यान रखा है। साथ ही जो कमाया उसका अधिकांश भाग जन कल्याण के कार्यों के लिए दान किया । उसके दान में किसी देश-जाति का कोई भेदभाव नहीं रखा गया । अब तक वे अरबों-खरबों दान कर चुके हैं। फोर्ड फाउंडेशन द्वारा अनेक परमार्थ-कार्य चलते हैं।