बच्चे, युवान, व्यस्क और वृद्ध सभी के लिए जीवन मूल्य पर कहानियाँ
व्यक्ति के निर्माण में परिवार, अभ्यास संस्थाएं, सामाजिक वातावरण और इसके साथे शिक्षा देनेवाली घटना और कहानियाँ महत्वपूर्णहोती है ।
आपने कई बार सुना होगा ‘जीवन में आगे बढने के लिए खुदकी गलती से सीखो या दुसरो की गलती से’, ऐसे ही दुसरो की गलतीयों से शिखने के लिए कहानियाँ बनाई जाती है ।
कहानियाँ सिर्फ बच्चो के लिए ही है ऐसा नही है, युवान, व्यस्क और वृद्ध व्यक्ति को भी कहानी जीवन निर्माण की सलाह दे सकती है ।
नैतिक कहानी क्या होती है?(What Is Moral Story)
नैतिक कहानी (Moral Stories in Hindi)सरल भाषा में लिखी छोटी-छोटी कहानियाँ होती है, जिसे पढ़कर हमे कुछ शिक्षा मिलती है।
एसी कहानियाँ बच्चों को शिक्षा देने के लिए पढ़ते है, जिसे बच्चे के दिमाग में गलत दिशा से सही दिशा तरफ विचारों का संचार हो, भटके हुए युवानों, बुराइयों में लिपटे व्यक्ति को अच्छाई तरफ लाने के लिए पढ़ा या उदाहरण दिया जाता है।
इस कहानी को मजेदार और रोचक तरीके से लिखा होता है इसलिए बच्चे भी इसे जल्दी भूलते नहीं और याद रखते हैं।
इन कहानियों में नैतिकता के साथ-साथ शक्तिशाली संदेश होता हैं। नैतिक कहानी व्यक्ति को यह सिखाती है कि आपको एक बेहतर इंसान कैसे बनना है। नैतिक कहानी नैतिक चरित्र को मजबूत बनाती है।
क्या नैतिक कहानी आज भी महत्त्व रखती है ?
जी बिलकुल महत्व रखती है, विकास तो टेक्नोलॉजी का हुआ है, मानवीय मूल्यों का नही। तकनीकी विकास से मानव को जीवन निर्वाह में आसानी बढ़ी है, स्मार्टफोन से मनोरंजन बढ़ा है, लेकिन हम सब जानते है की व्यक्तिव विकास के लिए आज भी वह पुराने दौर तरीके ही है। क्या कोई ऐसा सॉफ्टवेर है जिसको चलाने से बच्चे में नैतिकता उत्पन्न हो जाएगी ?, नहीं। आज भी व्यक्ति को जन्म से लेकर मृत्यु तक नैतिकता ऐसी कहानीयां, घटना और अनुभव से सीखता है।
इस पेज में हमने नैतिक कहानी(Moral Stories In Hindi) का संग्रह दिया है। जिसमे कहानी का नाम और उस कहानी से मिलने वाली सिख का उल्लेख किया है।
क्रम | कहानी का नाम | Moral of The Story(कहानी से मिलनेवाली सिख) |
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1 | नन्दू की नौकरी | ईमानदारी और सूझबूझ व्यक्ति का सदैव ही आदर कराती है । |
2 | आलसी को सजा | आलसी चींटी को मिली बिल छोड़ने की सजा |
3 | ज्योतिषी सियार की करामात | जो पुरुषार्थ में नहीं भाग्यवाद में विश्वास रखते हैं, ज्योतिषियों के चक्कर में पड़ते हैं, उनका यही नतीजा बुरा होता है । |
4 | कहानी एक चित्र की | वह सौन्दर्य, जिसके मूल में प्राणों की बलि हो उसकी प्रशंसा नहीं की जा सकती । |
5 | नकल का फल | अनुकरण सोच-समझ कर ही करना चाहिये । सब काम सबके अनुकूल नहीं हुआ करता । बिना अकल के जो नकल की जाती है वह सफल नहीं हुआ करती । |
6 | अपना काम अपने आप | स्वयं परिश्रम करके जो कार्य किया जाता है, उसी में सच्चा आनंद मिलता है । |
7 | सच्ची कमाई | ईमानदारी से अपने हाथ-पैरों से मेहनत करके जो चीज पा सको, उसी का उपयोग करो, इसी में सुख है, इसी सफलता है और इसी में शांति है। |
8 | शक्ति की पहिचान | जो अपने को पहिचान लेते हैं, अपनी आंतरिक शक्तियों को जानकर उनका सदुपयोग कर लेते हैं, वही अपने जीवन को ऊँचा उठा लेते हैं, औरों के लिए भी खुशहाली लाते हैं।’ |
9 | बीमारियों की जड़ | ईर्ष्या, द्वेष, घमंड, कुढ़न, काम, क्रोध, लोभ आदि भी रोग हैं। ये मन के रोग शरीर के रोगों से अधिक भयानक हैं। |
10 | दो मुँह वाला जुलाहा | साधारण स्तर बनाये रहने में ही भलाई है। |
11 | पाप का प्रायश्चित | एक क्रूर और आतताई कहा जाने वाला अशोक बदला तो प्रायश्चित की आग में तपकर वह एक संन्यासी जैसा हो गया । |